राहुल कुमार
लखीमपुर खीरी। फसलों की सिंचाई के लिए लगाए गए राजकीय नलकूपों के रखरखाव पर हर साल चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके नलकूपों की हालत में कोई सुधार नहीं। सरकारी नलकूपों के कहीं मोटर खराब हैं तो कहीं बिजली संकट है। सबसे ज्यादा परेशानी नलकूपों की नालियां क्षतिग्रस्त होने से है, जिससे टेल तक सिंचाई संभव नहीं हो पाती। नलकूप सही न होने की वजह से 50 हजार से ज्यादा किसान प्रभावित हैं।
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, जपपद में 826 सरकारी नलकूप हैं। सीतापुर में 198 और लखीमपुर खंड में 628 नलकूप हैं। विभाग की तमाम योजनाओं के अलावा प्रत्येक नलकूप के रखरखाव व मरम्मत के नाम पर हर वर्ष 45 हजार रुपये खर्च होते हैं। जनपद में 826 नलकूपों पर करीब चार करोड़ रुपये का खर्चा आता है, बावजूद इसके नलकूपों की हालत ठीक नहीं।
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, जपपद में 826 सरकारी नलकूप हैं। सीतापुर में 198 और लखीमपुर खंड में 628 नलकूप हैं। विभाग की तमाम योजनाओं के अलावा प्रत्येक नलकूप के रखरखाव व मरम्मत के नाम पर हर वर्ष 45 हजार रुपये खर्च होते हैं। जनपद में 826 नलकूपों पर करीब चार करोड़ रुपये का खर्चा आता है, बावजूद इसके नलकूपों की हालत ठीक नहीं।
शहर से सटे राजापुर गांव के नलकूप की नालियां न काफी समय से क्षतिग्रस्त हैं, जबकि इसके निर्माण पर हर वर्ष 45 हजार रुपये खर्च होते हैं। पड़ताल में अधिकांश जगह यही हाल मिला। आखिर हर वर्ष खर्च होने वाले करोड़ों रुपये कहां जा रहे हैं, यह जांच का विषय है।
जल्द सुधार नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन
मैगलगंज। मैगलगंज क्षेत्र के 51 नंबर और पाइप सेंटर स्थित नलकूपों की हालत बेहद खराब पाई गई है। कहीं मोटर जले तो कहीं बोरिंग ही धंस चुकी है। पानी निकासी के लिए बनाई गईंं नालियां भी टूट-फूट गईं हैं, जिससे खेतों तक पानी पहुंचाना मुश्किल हो गया है। किसान शिवेंद्र गुप्ता ने बताया कि सरकारी नलकूपों से उम्मीद थी कि कम लागत में सिंचाई हो जाएगी, लेकिन अब हर सीजन में हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। किसान नेता राकेश वर्मा ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
नलकूप चालू, पर नालियां क्षतिग्रस्त
अलीगंज। रोशन नगर कुसमौरी, बघौडा और गोपालापुर में सरकारी नलकूप हैं और तीनों संचालित भी हैं, दक्षिणी व पूर्वी गूल (नालियां व हौज) की मरम्मत न होने के कारण किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पाया रहा है। अवर अभियंता सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि तीनों नलकूप चलित अवस्था में है। अगर कहीं कोई समस्या है तो समाधान कराया जाएगा।
बोर खराब होने से बेला परसुआ का नलकूप खराब
पलिया। बेला परसुआ का नलकूप खराब है। बोर खराब होने के चलते यह नलकूप बंद पड़ा है। पलिया ब्लॉक क्षेत्र में 29 नलकूप हैं, जिसमें 18 थारू और 11 संपूर्णानगर क्षेत्र में हैं। थारू के बेला परसुआ में बोर में गड़बड़ी के चलते नलकूप खराब है। संपूर्णानगर में राजकीय कृषि बीज प्रक्षेत्र स्टेट फार्म में दो नलकूप हैं, जो कृषि विभाग से हैं। दोनों ही नलकूप ठीक हैं।
कोई एक तो कोई दो साल से है खराब
बरबर। सेमराजानीपुर के मजरा दिलावरनगर में नलकूप संख्या 130 एक वर्ष से खराब है। इसे रिवोर किया जाना है। साहूपुर का नलकूप संख्या 150 दो वर्ष से ट्रांसफार्मर न होने से नहीं चल पा रहा। रसूलपुर तफज्जुल हुसैन का नलकूप संख्या 84 एक माह से मोटर खराब है, जिसके कारण किसानों की सिंचाई बाधित है।
18 माह से खराब है कुकुहापुर का नलकूप
संसारपुर। बांकेगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिसनौर में दो राजकीय नलकूप हैं, जिसमें सिसनौर में पिछले वर्ष लगा नलकूप कार्यरत है। ग्राम कुकुहापुर का नलकूप पिछले लगभग 18 माह से खराब पड़ा है। प्रधान मुनीश वर्मा ने बताया कि यह नलकूप धंस चुका है। लगभग एक ट्रक गिट्टी पड़े तब यह रुकेगा। हर बार मरम्मत के नाम पर थोड़ी बहुत गिट्टी डालकर नलकूप चला दिया जाता है, जो कुछ दिनों में फिर से नीचे धंसने से खराब हो जाता है। प्रधान ने नलकूप रीबोर करवाने की मांग की।
बोरिंग फेल होने से रिजेक्ट घोषित हो चुका है नलकूप
ममरी। ब्लॉक कुंभी गोला क्षेत्र की सबसे बड़ी 28 मजरा गांव वाली ग्राम पंचायत लंदनपुर ग्रंट में आठ राजकीय नलकूप हैं। नगापुर में बना नलकूप एक साल से बंद है। प्रधान पति आलोक जायसवाल ने बताया कि नलकूप की बोरिंग खराब होने से अधिकारियों ने उसको रिजेक्ट घोषित कर दिया है। इसका अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।
नलकूप जर्जर व भवन क्षतिग्रस्त
मोहम्मदी। ग्राम पंचायत बौआ के दुबाहा गांव के पश्चिम नलकूप जर्जर और भवन क्षतिग्रस्त हो गया, उसमें मोटर भी नहीं है। केहुआ में नलकूप जर्जर अवस्था में पड़ा है। नलकूप के आस-पास छोटी सी नाली है। ऐसे में किसानों को सरकारी नलकूपों का पानी नहीं मिल पा रहा है। मजदूर किसान प्राइवेट बोरिंग से फसलों की सिंचाई करने को मजबूर हैं।
किसानों के काम नहीं आ रहे नलकूप
सिकंदराबाद। रहमतपुर और सिकंदराबाद नलकूप खराब पड़ा है। रहमतपुर के प्रधान पति रज्जन खां ने बताया कि नलकूप खराब है, जिसकी वजह से किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। सिकंदराबाद के प्रधान अशोक गुप्ता ने बताया कि नलकूप खराब होने से किसान निजी नलकूपों से सिंचाई करने को मजबूर हैं।
45 हजार बजट में थोड़ी बहुत क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत होती है। अगर खर्चा ज्यादा हो तो उसकी परियोजना बनती है। जनपद में क्षतिग्रस्त नालियों के मरम्मत के लिए एक करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत हो गई है। बजट आते ही बस दुरुस्त करा दिया जाएगा। – आशुतोष सिंह, अधिशासी अभियंता, नलकूप विभाग








